किसान पुत्र और पांव पांव वाले भैया को, सत्ता मिलते ही चाहिए फाइव स्टार सुविधा.
भोपाल (सैफुद्दीन सैफी)
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह अपने आप को गरीब किसान पुत्र बताते है कभी गांव गांव पदयात्रा से पांव पांव वाले भैया के रूप मे चर्चित हुए शिवराज सिंह चौहान को सत्ता मिलने के बाद हर वो फाइव स्टार सुविधा चाहिए जिसकी हर नेता को कुर्सी मिलने के बाद चाहत होती है.
प्रदेश के इस वक़्त चाहे भाजपा सरकार के मंत्री हो या पार्टी के छुट भैये नेता सरकार बनते ही खूब मुफ्त मे चंदन घिस रहे है. और घिसे भी क्यों ना जब प्रदेश के मुखिया अपने इलाज के लिए फाइव स्टार सुविधा वाले अस्पताल की जरूरत हो बाकी राजधानी के सरकारी अस्पताल तो आम जनता के मरने के लिए ही बने है शायद?
कमलनाथ जब प्रदेश मे मुख्य मंत्री बने तो दो महीने बाद ही उनकी उंगली मे उन्हें कोई तकलीफ हुई थी तो वो सीधे हमीदिया अस्पताल पहुंचे और छोटी सी सर्जरी करा कर आए उनसे पत्रकारों ने सवाल किया कि आप हमीदिया अस्पताल क्यों आए तो कमल नाथ ने ज़वाब दिया कि अगर मे सरकारी अस्पताल पर विश्वाश करूंगा तों मेरे प्रदेश की जनता पर भी उसका विश्वाश बढ़ेगा. शिवराज चाहते तो अपनी कारोंना रिपोर्टें पॉजिटिव आने के बाद इलाज और आराम के लिए किसी सरकारी अस्पताल को चुन सकते थे जिससे जहां इनकी सुविधाओं मे भी कुछ इजाफ़ा होता और जनता मे भी ईन अस्पतालों के प्रति विश्वाश पैदा होता मगर प्रदेश के मुखिया शिवराज जी के सारे आदर्श और सद विचार जब सत्ता की कुर्सी पर नहीं होते तब ही उबाल मारते है? सत्ता मिलते ही सारी लक्जरी सुविधाओं को भोगने मे इनको कोई गुरेज नहीं.
शिवराज जी की इसी लक्जरी सुविधाओं पर इन्हीं के एक पूर्व मंत्री सवाल उठा कर शिवराज जी को आईना दिखाने का काम किया है. जिसपर प्रदेश के कौंग्रेस नेता भी मजे ले रहे है.
पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने ट्वीट कर प्रदेश के मुखिया से जो पूछा है उससे इस वक़्त पूरी प्रदेश भाजपा के नेता तिलमिलाए है
अजय बिश्नोई ने अपनी ही पार्टी पर पलटवार किया और मांग रखी, कि क्यों कोविड से ग्रस्त वीआईपी प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं? यह इस महीने में चौथी बार है, कि पुराने बीजेपी साथी ने कैबिनेट विस्तार के समय उनकी उपेक्षा करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया था।कांग्रेस ने कहा कि उन्होनें सही प्रश्न उठाया है।
मुख्यमंत्री *शिवराज सिंह चौहान जी* चिरायु अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं, मैं उनकी अच्छी सेहत और स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ। इसी के साथ; मैं चाहता हूँ कि मुख्यमंत्री देखें, कि इन अस्पतालों में ऐसा क्या है, जो हम सरकारी मेडिकल अस्पतालों में असीमित बजट व लगातार निगरानी के बावजूद ( *कोविड संकट*) के लिए चार महीनों में तैयार नहीं कर सके।
अजय विश्नोई ने जो सवाल उठाया है वो ही आज प्रदेश की सात करोड़ जनता के मन मे है मुख्यमन्त्री जी अब ज़वाब आप को ही देना है