भोपाल
हमारे देश मे रायचंदो और उपदेश देने वालो की कोई कमी नही है। एक तालाश करो हजार मिल जायेंगे।हाँ यहाँ हम उन मंत्री महोदय का जिक्र कर रहे है।जो लंबे समय से मंत्री पद से वंचित रहने के बाद दलबदलुओं की कृपा से बनी शिवराज सरकार में आज कृषि मंत्री के पदपर विराजमान है।हालांकि जब कमल पटेल पहली बार शिवराज सरकार में राजस्व मंत्री बने थे तब इनके कुछ कार्यो को लेकर प्रदेश में बहुत वाहवाही हुई और फिर इसपर ऐसी नजर लगी की एक हत्या कांड में इनका नाम आने पर वाहवाही तो गयी ही साथ मे कुर्सी भी गयी और इन्हें काफी लंबे समय तक पार्टी की लुपलाइन में ही इन्तिज़ार करना पड़ा।
अब जब सिंधिया जी के पलटी मारने से दुबारा भाजपा की सरकार बनी तो कमल पटेल जी की किस्मत खुल गई और ये लुपलाइन से मेनलाइन पर आगये।
जो लोग राजनेताओ को और राजनीति को बड़ी बारीकी से फॉलो करते है, उनकी माने तो लगता था कि कमल पटेल शायद पहली की तुलना में ज्यादा शिद्दत से जनहित कारी कामों में लगेंगे मगर ऐसा इसबार कुछ दिखाई नही दे रहा है।बल्कि ये ज्यादा लग रहा है, कि कमल पटेल मंत्री सिर्फ कुछ खास लोगो के लिए ही बने है ।पहले बार जब मंत्री बने थे तब ये आम जनता को मीडिया को बहुत सहज रूप में उपलब्ध रहते थे और रात को 12 बजे भी फोन करो तो अटेंड करते थे या फिर कॉल बेक करते थे। अब ये हालत है कि इनके बंगले पर 8 लोगो के स्टाफ में किसी से भी मंत्री जी के बारे में पूछो तो कोई सीधे मुहँ बताने को तैयार नही होता इनके हरदा विधानसभा छेत्र के लोग बिचारे सुबह से शाम तक बैठे रहते है। उनतक को मंत्री के आने या मिलने के बारे में कोई जवाब इनका स्टाफ नही देता। जिनके पास कमल पटेल जी का नम्बर है वो उन्हें दस बार काल भी करते है तो मंत्री नही उठाते कभी कोई उनका सहायक उठा भी लेता है तो हर वक़्त दो जवाब मिलते है। पहला साहब मीटिंग में दूसरा बाथरूम में है। अब बात "पर उपदेश कुशल बहुतेरे "की जो मंत्री जी पर फिट होती है मंत्री जी ने दो दिन पूर्व हरदा में पदस्थ तमाम अधिकारियों को कॅरोना की स्थिति में अपने फोन चालू रखने और अटेंड करने की कड़ी नसीहत दे मारी अरे मंत्री जी जब आप ही परेशान लोगो के फ़ोन उठाने की कृपा नही करते तो आप की कृपा से तैनात आप के जिले के अधिकारी इतने बड़े जनसेवक नही की फ़ोन उठाले उन्हें पता है जब तक आप की कृपा इन अधिकारियों पर है तबतक उनका कोई भी बाल बाका नही कर सकता। इसलिये पहले आप लोगो को अटेंड करना शुरू कीजिए फिर अधिकारियों को नसीहत कीजिये।
अगली बार आप के जिले में हो रहे अवैध रेत उत्खनन पर कुछ जानकारी आप को देंगे।